आंध्रप्रांतीय भारतवीर श्रीराम राजू जी की यह जीवनी वीर सावरकर जी द्वारा लिखित है।
आंध्रप्रांतीय भारतवीर श्रीराम राजू
बुरे दिनों में सद्गुणों की भी निंदा...
हिंदोस्ताँ मेरा
यही पाओगे मेहशरमें जबां मेरी, बयाँ मेरा
मैं बंदा हिंदवाला हूँ, यह हिंदोस्ताँ मेरा
मैं हिंदोस्ताँ के उजडे खंडहर का एक जरां हूँ
यही सारा पता...