Monthly Archives: March 2022
आंध्रप्रांतीय भारतवीर श्रीराम राजू
आंध्रप्रांतीय भारतवीर श्रीराम राजू जी की यह जीवनी वीर सावरकर जी द्वारा लिखित है।
आंध्रप्रांतीय भारतवीर श्रीराम राजू
बुरे दिनों में सद्गुणों की भी निंदा...
सावरकर और भगतसिंह की याचिका में फर्क , जो ‘ The Wire ’ समझ...
' The wire ' ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर और हुतात्मा भगतसिंह इनके आवेदनोपर एक लेख जारी किया था , जिसका उद्देश सावरकर जी की उपेक्षा करना था ।
राष्ट्र का अर्थ ।
जो हो गए वे पुरखे (पूर्वज) और आगे आनेवाली संतति-वंशज, इनसे परंपरा से, प्रेम से, धर्म से, इतिहास से, बँधा हुआ जो समुदाय है उसका नाम राष्ट्र है।
हिंदुत्व – भूमिका तथा मूलतत्त्व
प्रस्तुत लेख वीर सावरकर जी की पुस्तक 'हिंदुत्व' , 'हिन्दू राष्ट्र दर्शन' और 'हिंदुत्व के पांच प्राण' से लिए गए हैं ,...
वैदिक धर्म को ही हिंदू धर्म मानना एक भूल है
प्रस्तुत प्रबंध की मर्यादाओं का विचार करने पर यह प्रतीत होता है कि हिंदू धर्म के आवश्यक लक्षण कौन से हैं। इसी विषय पर...
हिंदू धर्म में कई धर्म-पद्धतियों का अंतर्भाव होता है
हिंदू धर्म का अर्थ है-हिंदुओं का धर्म और जहाँ तक सिंधु शब्द से बने 'हिंदू' शब्द का मूल अर्थ सिंधु से सिंधु तक अर्थात्...
हिंदू धर्म से ‘हिंदू’ की परिभाषा करना अनुचित
हिंदुत्व तथा हिंदू धर्म- ये दोनों ही शब्द हिंदू शब्द से उत्पन्न हुए हैं। अतः उनका अर्थ 'सारी हिंदूजाति' ऐसा ही किया जाना आवश्यक...
‘हिंदुइज्म’ शब्द के कारण उत्पन्न अस्तव्यस्तता
हिंदू तथा हिंदुस्थान- ये विदेशियों द्वारा हमें दिए गए नाम हैं, ऐसा सोचकर इन नामों पर जो आक्षेप किए जाते हैं, उनका खंडन कुछ...
हम हिंदू स्वयमेव एकराष्ट्र हैं
प्रादेशिक एकता का अर्थ प्रदेश में निवास करनेवाले लोग-यही एकमेव राष्ट्रीयत्व के घटक हैं। यह मानने से राष्ट्रीय सभा के ध्येयवाद में मूलतः ही...
हिंदू धर्म, हिंदुत्व तथा हिंदू राष्ट्र
हिंदू आंदोलन का ध्येयवाद विवेचित करते समय इन तीन शब्दों द्वारा व्यक्त किए जानेवाले यथातथ्य अर्थ को समझना नितांत आवश्यक है। हिंदू शब्द से...