★ बचपन
⚫ विनायक दामोदर सावरकर का जन्म २८ मई १८८३ को रात १० बजे, नासिक के पास एक गांव भागुर में हुआ था। उनके बचपन से ही उन्हें आकर्षित करने वाले लक्षण :
• एक आकर्षक व्यक्तित्व और प्रगतिशील विचारो के साथ निर्भीक और साहसी, समय से परे।
• दुनिया भर के इतिहास (यहां तक की बेबीलोनिया का प्राचीन इतिहास) के बारे में गंभीर ज्ञान और समझ रखने वाले पाठक।
• जन्म लेने वाले कवी और संस्कारी (प्रतिभाएं जो उन्होंने सचेत रूप से सम्मान दिया।)
• जन्म – आधारित जाती व्यवस्था का पता लगाया, नीची जाती के दोस्तों के साथ सामाजिकता की और एक – दूसरे के घरों में आतिथ्य का आनंद लिया।
• अपने देश और विरासत के लिए राष्ट्रीय गौरव से भरे और अपने प्यारे देश के सम्मान को पुनःप्राप्त करने की एक ज्वलंत इच्छा (यहां तक की एक बहुप्रशंसित लेख ग्लोरी ऑफ़ हिंदुस्तान को अपने जूनियर हाई-स्कूल वर्ष में लिखा था और नौ साल की उम्र में मुस्लिम दंगो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।)
केवल नौ साल की आयु में ऐसे कार्य करना कोई साधारण बात नहीं है। और ये मानना बिलकुल सही होगा कि उनके अंदर राष्ट्रप्रेम तथा धर्म के प्रति निष्ठा बचपन से ही थी। जब एक नौ साल का बालक इस पराकाष्ठा तक जा सकता है, तो जब वह बड़ा होगा तो न जाने कितने बड़े कार्य करेगा!